अब हर वर्ष बुरहानपुर आयुर्वेद महाविद्यालय से 73 विद्यार्थी बनेंगे डॉक्टर, अर्चना चिटनिस के प्रयास रंग लाए

बुरहानपुर। विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) के किए गए प्रयासों के परिणाम स्वरूप भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग नईदिल्ली द्वारा बुरहानपुर के पंडित शिवनाथ शास्त्री शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय को बड़ी सौगात मिली है। आयोग ने बीएएमएस पाठ्यक्रम की सीटें 50 से बढ़ाकर 60 करने की अनुमति प्रदान की है। इसके साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) सहित कुल 73 सीटों को स्वीकृति दी गई है। अब महाविद्यालय में देश, राज्य एवं बुरहानपुर के छात्र-छात्राओं को इसी सत्र में चल रही काउंसलिंग से प्रवेश मिल सकेगा और वह चिकित्सक बन सकेंगे। 73 सीट की मान्यता मिलने पर श्रीमती चिटनिस ने मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, केन्द्रीय राज्य आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव एवं आयुष मंत्री इंदरसिंह परमार का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
उल्लेखनीय हैं कि श्रीमती अर्चना चिटनिस ने महाविद्यालय के सत्र 2024-25 मान्यता पुनः बहाल कराई थी।। जिसके बाद श्रीमती चिटनिस सीट संख्या में वृद्धि के लिए लागतार प्रयासरत रही। श्रीमती चिटनिस महाविद्यालय और अस्पताल में अधोसंरचना, शिक्षण सुविधाओं और व्यवस्थाओं को लेकर सतत प्रयत्नशील रही। जिसके बाद महाविद्यालय की अधोसंरचना, शिक्षण सुविधाओं एवं आवश्यक मानकों को बेहतर किया गया, जिसके बाद आयोग द्वारा सत्र 2025-26 की मान्यता लगातार जारी रखी। तत्पश्चात सीट वृद्धि के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की जा सकी है।
ज्ञात हो कि पूर्व में बुरहानपुर के पंडित शिवनाथ शास्त्री शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय की आवश्यक मापदण्डों की पूर्ति न होने के कारण निरस्त हो गई थी। जिसके बाद श्रीमती अर्चना चिटनिस ने पुनः प्रवेश मान्यता को लेकर मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, आयुष मंत्री इंदरसिंह परमार सहित संबंधित अधिकारियों से मुलाकात कर महाविद्यालय की मान्यता निरंतर बनी रहे इस हेतु अनुरोध किया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव एवं मंत्री इंदरसिंह परमार ने संबंधित अधिकारियों को निर्धारित और आवश्यक मापदण्डों की पूर्ति करने के निर्देश दिए, तत्पश्चात मापदण्डों की पूर्ति होने के बाद भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, आयुष मंत्रालय नई-दिल्ली को अपील की गई थी और महाविद्यालय की मान्यता पुनः बहाल हो सकी थी।