स्वीमिंग पुल निर्माण में भ्रष्टाचार के दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई- विधायक अर्चना चिटनिस

बुरहानपुर। बुरहानपुर में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और प्रशासनिक अमले में जनता के प्रति उत्तरदायी कर्तव्य भाव जागृत करने की दृष्टि से विगत एक वर्ष में लगातार प्रयासरत् होकर विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने अपने बुरहानपुर के लिए वर्ष 2011 में शिक्षा विभाग से स्वीकृत कराए गए स्वीमिंग पुल निर्माण की राशि के दुरूपयोग को लेकर जांच कराई। फिर विधानसभा के माध्यम से 31 जुलाई 2025 को इस मामले में तीन आयुक्त और तीन इंजीनियर सहित ठेकेदार पर बड़ी कार्यवाही कराते हुए स्वीमिंग पुल की मरम्मत हेतु खर्च होने वाली राशि ठेकेदार से वसूली के आदेश प्रसारित कराए।
श्रीमती चिटनिस ने मध्यप्रदेश विधानसभा में पहले ध्यानाकर्षण के माध्यम से फिर तारांकित विधानसभा प्रश्न के माध्यम से बुरहानपुर में स्विमिंग पुल में गड़बड़ी का मामला उठाया। करीब 8 वर्ष पूर्व डेढ़ करोड़ रुपए की लगत से नगर निगम द्वारा रेणुका उद्यान के समीप निर्मित किए गए स्वीमिंग पुल में भ्रष्टाचार को लेकर 2017 से तत्कालीन नगर निगम के पदाधिकारियों का ध्यानार्षकण किया। तदुपरांत 2018 से 2023 का कार्यकाल विभिन्न त्रासदियों में बीता। फिर 2024 से श्रीमती चिटनिस को जनादेश मिलने के बाद इस जनोपयोगी निर्माण में हुई गड़बड़ी के मामले में जांच समिति गठित कराकर कार्यवाही सुनिश्चित की जिसके फलस्वरूप 31 जुलाई 2025 को विधानसभा के पटल पर श्रीमती चिटनिस के प्रश्नोत्तर में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि स्वीमिंग पुल निर्माण में हुई गड़बड़ी को लेकर शासन द्वारा तत्कालीन आयुक्त और इंजीनियर्स सहित ठेकेदार पर बड़ी कार्यवाही की जा रही है। जिसमें इस कार्य के लिए ज़िम्मेदार तत्कालीन नगर निगम आयुक्त श्री सुरेश कुमार रैवाल एवं ठेकेदार श्री भूपेन्द्र चौहान के विरुध्द एफ आई आर दर्ज करने और ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने के साथ स्वीमिंग पूल की मरम्मत कार्य में लगने वाली धनराशि की वसूली ठेकेदार से करने के निर्देश जारी किए हैं।
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि बीआरजीएफ योजना के तहत स्कूली शिक्षा विभाग और निकाय निधि से करीब डेढ करोड़ रुपए से अधिक की लागत से वर्ष 2015-16 में नगर निगम द्वारा निर्मित इस स्वीमिंग पुल का जनता हेतु एक दिन भी कोई उपयोग नहीं हुआ। क्योंकि स्वीमिंग पुल निर्माण में गड़बड़ी हुई साथ ही स्विमिंग पुल का निर्माण स्थल चयन भी गलत रहा। चूंकि जहां निर्माण किया गया है वहां पानी का कोई स्त्रोत ही नहीं है। सिर्फ इतना ही नहीं इस स्वीमिंग पुल में पानी ठहरता ही नहीं है। इस वजह से इसे भर पाना संभव नहीं है। तत्कालीन जिम्मेदारों ने यह तक नहीं सोचा कि जिस स्थान पर पानी का स्रोत ही नहीं वहाँ पर स्वीमिंग पूल बनाने का क्या औचित्य है और स्विमिंग पुल के टैंक में पानी ठहर ही नहीं रहा है तो उसका उपयोग होगा कैसे।
*इन पर गिरी गाज*
वर्ष 2015 में तत्कालीन नगर निगम आयुक्त सुरेश रैवाल, भगवानदास भुमरकर एवं इंजीनियर्स सगीर अहमद, अनिल गंगराड़े व अशोक पाटिल पर विभागीय कार्रवाई सहित ठेकेदार भुपेन्द्र चौहान को ब्लैक लिस्ट करते हुए उनका पंजीयन दो साल के लिए निलंबित करने और मरम्मत कार्य में होने वाले व्यय की वसूली सहित उनके विरूद्ध पुलिस एफआईआर दर्ज कराने हेतु प्रदेश शासन द्वारा स्थानीय प्रशासन को निर्देश जारी किए गए है।
अपने बुरहानपुर जिले में विकास कार्यों में लापरवाही करने वाले निर्माण एजेंसी और शासकीय अधिकारियों को कड़ा संदेश देते हुए श्रीमती अर्चना चिटनिस ने राज्य शासन से इस सख्त कार्रवाई के आदेश जारी करवाकर शासकीय मशीनरी को यह स्पष्ट संदेश दिया है कि जनोपयोगी कार्यों में किसी तरह की लापरवाही व शासकीय धन के दुरुपयोग को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।