इंदौर, 16 मई 2025: विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2025 के उपलक्ष्य में शुक्रवार को इंदौर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य तंबाकू नियंत्रण के लिए सक्रिय स्वयंसेवी संगठनों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों, प्रशासनिक अधिकारियों और शिक्षाविदों को एक साझा मंच पर लाकर जनजागरूकता और नीति-निर्माण पर विचार-विमर्श करना था। इस कार्यशाला का आयोजन मध्यप्रदेश वॉलंटरी हेल्थ एसोसिएशन (एमपीवीएचए) द्वारा किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत एमपीवीएचए के अध्यक्ष डॉ. सुधीर महाशब्दे के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने सभी प्रतिभागियों का अभिनंदन किया। कार्यकारी निदेशक श्री मुकेश कुमार सिन्हा ने कार्यशाला के उद्देश्यों और तंबाकू नियंत्रण में नागरिक सहभागिता की भूमिका पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में डॉ. पुनीत गुप्ता (शासकीय डेंटल कॉलेज, इंदौर) ने एक प्रभावशाली प्रेजेंटेशन के माध्यम से तंबाकू उद्योग की रणनीतियों और उसके हस्तक्षेपों की जानकारी दी। वहीं, श्री बकुल शर्मा (एमपीवीएचए) ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा घोषित इस वर्ष की थीम “आकर्षण का पर्दाफाश: तंबाकू और निकोटीन उत्पादों पर उद्योग की रणनीतियों का खुलासा” पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि किस तरह तंबाकू और निकोटीन उत्पादों को आकर्षक फ्लेवर, सोशल मीडिया मार्केटिंग और आधुनिक तकनीकों के माध्यम से युवाओं को लक्षित किया जा रहा है।
उन्होंने डब्ल्यूएचओ और राष्ट्रीय रिपोर्ट्स के हवाले से बताया कि:
दुनियाभर में हर साल लगभग 80 लाख लोगों की मौत तंबाकू से जुड़ी बीमारियों के कारण होती है।
भारत में यह संख्या 13 से 14 लाख तक पहुँच चुकी है।
मध्यप्रदेश में 34.2% वयस्क किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं।
13-15 वर्ष की आयु के लगभग 3.9% स्कूली छात्र तंबाकू के संपर्क में हैं।
कार्यशाला के दौरान विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2025 की थीम पर आधारित जागरूकता हैंडआउट का औपचारिक विमोचन भी किया गया, जिसका उद्देश्य विशेषकर युवाओं को तंबाकू के दुष्परिणामों से अवगत कराना है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. दिलीप आचार्य ने प्लेन पैकेजिंग ऑफ टोबैको प्रोडक्ट्स के महत्व पर चर्चा करते हुए बताया कि आकर्षक पैकिंग युवाओं को तंबाकू की ओर आकर्षित करती है। वहीं मध्यप्रदेश टोबैको फ्री अलायंस की सह-कन्वेनर डॉ. दिव्या मैनन ने अलायंस की आगामी योजनाओं पर जानकारी दी।
कार्यशाला में यह संकल्प लिया गया कि सभी संबंधित संगठन मिलकर तंबाकू नियंत्रण कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन और जनजागरूकता अभियानों को नई गति देंगे, ताकि विशेषकर युवाओं को इस घातक लत से बचाया जा सके।
यह कार्यशाला तंबाकू मुक्त समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुई।