सामाजिक सदभाव की अनूठी मिसाल बौद्ध अनुयायियों के जत्थे के लिए खोले दरगाह ए हकीमी ने अपने द्वार

बुरहानपुर :- पूरे विश्व मे एकता और शांति सदभाव के प्रतीक दाउदी बोहरा समाज ने आज देश में एकता की अनूठी मिसाल पेश की है 52 वे धर्मगुरु डॉ सैयदना साहब के आपसी भाईचारे शांति सदभाव के संदेश को आगे बढ़ाते हुए मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक नगर बुरहानपुर में स्तिथ दरगाह ए हकीमी ने अकोला से पदयात्रा में निकले बौद्ध अनुयायियों के लिए दरगाह ए हकीमी में विश्राम की व्यवस्था की।

दाउदी बोहरा जमात PRO कमेटी के ऑडिनेटर तफज्जुल हुसैन मुलायम वाला ने बताया कि बोहरा समाज के 53 वे धर्मगुरु डॉ. मुफद्दल सैफ़ुद्दीन साहब के सामाजिक सदभाव ओर आपसी भाईचारे की सीख से बोहरा समाज समय समय पर देशभर में सभी धर्मों के लोगो के लिए आगे आते रहता है मेडिकल केप राहत शिविर सहित अनेको कार्य किये जाते है बाबा साहब अंबेडकर जयंती के अवसर पर महराष्ट्र के अकोला अशोक वाटिका से निकली बौद्ध अनुयायियों की शन्ति सद्भव पदयात्रा 10 अप्रेल को बुरहानपुर पहुची जहाँ दरगाह ए हकीमी प्रबंधक शेख सब्बीर भाई साहब से चर्चा कर उनसे भेट की दरगाह ए हकीमी उपप्रबंधक शेक मुस्तुफा भाई ने सभी के लिए ठहरने के साथ साथ चाय पानी शरबत की व्यापक व्यवस्था करवाई जिसके बाद पदयात्रा में शामिल करीब 150 लोगो ने बुरहानपुर में विश्राम किया जिसके बाद यात्रा 14 अप्रेल को बाबा साहब के जन्मस्थली महू में पहुचेगी।

पदयात्रा में आये बौद्ध अनुयायी डॉ.भंते धम्मा चेति ने दरगाह ए हकीमी द्वारा किये गए सहयोग के लिए सभी का आभार व्यक्त करते हुए आपसी भाईचारे को कायम रखने पर दरगाह ए हकीमी प्रबंधन सहित सभी की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि हाथ से हाथ मिलाकर आपसी भाईचारे को कायम रखे हमारी पदयात्रा का भी यही उद्देश्य है हम सब मिलजुल कर शांति सदभाव को बढ़ाते हुए देश की तरक्की में भागीदार बने।

आपको बता दे दाउदी बोहरा 52 वे धर्मगुरु डॉ सैयदना बुरहानुद्दीन साहब एवं 53 वे धर्मगुरु डॉ मुफद्दल सैफ़ुद्दीन साहब के शांति सदभव के कार्यो के लिए हमेशा तन मन धन से समय समय पूरे विश्व भर के साथ साथ भारत मे सामजिक सदभाव के अनेकों अनेको कार्य करता रहता है जिसमे सभी धर्मों के लोगो के हर संभव मदद करते हैं सैयदना साहब का फरमान है शांति सदभाव से एक दूसरे से मिलकर रहो देश की तरक्की ओर खुशहाली में अपना योगदान दे।