जानिए किस विटामिन की कमी से बाल होने लगते हैं सफेद ? जानें कारण और इलाज

आजकल कम उम्र में ही बाल सफेद होने की समस्या तेजी से बढ़ रही है. कई लोग 25-30 साल की उम्र में ही सफेद बालों की शिकायत करने लगते हैं. यह समस्या पोषण की कमी, अनुवांशिक कारणों और जीवनशैली से जुड़ी हो सकती है।
खासतौर पर, कुछ विटामिनों की कमी से बाल समय से पहले सफेद होने लगते हैं. अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह समस्या बढ़ सकती है.

विशेषज्ञों के अनुसार, विटामिन B12 की कमी सफेद बालों का एक प्रमुख कारण हो सकती है. विटामिन B12 बालों के लिए जरूरी पोषक तत्वों में से एक है, जो बालों को काला बनाए रखने में मदद करता है. इसके अलावा, विटामिन D, विटामिन E और विटामिन B7 (बायोटिन) की कमी भी बालों के सफेद होने की प्रक्रिया को तेज कर सकती है.

कैसे पता करें कि विटामिन की कमी है?

यदि आपके बाल असमय सफेद हो रहे हैं और साथ ही आपको निम्नलिखित लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो यह विटामिन की कमी का संकेत हो सकता है:

शरीर में लगातार थकान महसूस होना

त्वचा का रूखा और बेजान होना

नाखूनों का कमजोर होना

सिर में डैंड्रफ की समस्या बढ़ना

विटामिन B12 की कमी को कैसे दूर करें?

अगर आपके शरीर में विटामिन B12 की कमी पाई जाती है, तो इसे संतुलित आहार और जरूरी सप्लीमेंट्स के जरिए पूरा किया जा सकता है.

1. विटामिन B12 युक्त आहार लें

डेयरी प्रोडक्ट्स: दूध, दही, पनीर

अंडे और मांसाहारी भोजन: अंडे, मछली, चिकन, रेड मीट

पत्तेदार सब्जियां: पालक, ब्रोकली

सूखे मेवे और नट्स: बादाम, अखरोट

2. धूप में समय बिताएं

विटामिन D की कमी से भी बालों की सेहत प्रभावित होती है. सुबह की हल्की धूप में कम से कम 15-20 मिनट बिताने से शरीर में विटामिन D का स्तर बेहतर होता है.

3. बायोटिन और अन्य सप्लीमेंट्स का सेवन करें

यदि आहार से पर्याप्त पोषण नहीं मिल रहा है, तो डॉक्टर की सलाह पर बायोटिन, विटामिन B12 और मल्टीविटामिन सप्लीमेंट्स लिए जा सकते हैं.

तनाव और खराब जीवनशैली भी है जिम्मेदार

बालों के असमय सफेद होने में सिर्फ विटामिन की कमी ही नहीं, बल्कि तनाव, धूम्रपान, शराब का सेवन और अनियमित नींद भी बड़ी भूमिका निभाते हैं. इसलिए संतुलित आहार के साथ-साथ हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना भी जरूरी है.

डॉक्टर से परामर्श

यदि आपके बाल असमय सफेद हो रहे हैं, तो इसके पीछे विटामिन B12 की कमी एक मुख्य कारण हो सकती है. सही खानपान और लाइफस्टाइल में सुधार कर आप इस समस्या को काफी हद तक रोक सकते हैं. यदि समस्या गंभीर हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेना सबसे अच्छा विकल्प होगा।