कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए इंडियन रेलवे ने कई कदम उठाए हैं, ट्रेनों में आरक्षित सीटों पर ही यात्रा करने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर कई नियम बनाए गए हैं.
इसी के साथ ही रेलवे स्टेशन के परिसर में यात्रियों की कोरोना गाइडलाइन के अनुसार स्क्रीनिंग की जा रही है.
लेकिन, कभी आपने सोचा है कि अगर कोई व्यक्ति घर से यात्रा के लिए रेलवे स्टेशन पर पहुंचे और रेलवे स्टेशन पर होने वाली स्क्रीनिंग में अनफिट माना जाए तो क्या होगा ?
स्टेशन पर होने वाली स्क्रीनिंग में यात्रियों का तापमान लिया जाता है और तापमान ज्यादा आने पर यात्रियों को यात्रा करने से रोका जा सकता है।
ऐसी स्थिति में रेलवे के नए नियम क्या हैं और उनकी टिकट का क्या होगा।
क्या हैं नियम ?
रेलवे स्टेशन पर होने वाली स्क्रीनिंग में अगर किसी को अनफिट पाया जाता है और वो यात्रा नहीं कर सकता है, तो ऐसे में रेलवे की ओर से कई नियम बनाए गए हैं.
आईआरसीटीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, जो यात्री रेलवे स्टेशन पर की जाने वाली स्क्रनिंग में अनफिट पाए जाते हैं और वो यात्रा नहीं कर पाते हैं तो उन्हें उनकी टिकट का पैसा मिल जाएगा.
अगर मान लीजिए कोई ग्रुप में यात्रा कर रहे हैं और एक पीएनआर पर कई लोगों की टिकट बुक है तो ऐसी स्थिति में सभी यात्रियों को पैसा रिफंड मिल सकता है.
अगर किसी अनफिट यात्री के साथी यात्री भी यात्रा ना करना चाहें तो उनके भी पैसे मिल सकते हैं.
कैसे मिलता है रिफंड ?
रेलवे की ओर से कोरोना वायरस लक्षणों की वजह से अनफिट पाए जाने की वजह से ट्रेन यात्रा ना करने वाले यात्रियों को पैसे दिए जाते हैं।
इसके लिए यात्रियों को डेट ऑफ जर्नी के बाद 10 दिन के अंदर TDR फाइल करना होगा. यह पैसे टीडीआर के जरिए ही दिए जाएंगे. टीटीई सर्टिफिकेट आईआरसीटीसी को देना होता है, जिसके बाद पैसे रिफंड किए जाते हैं।