बुरहानपुर। अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि पर पूरे देश में महर्षि वाल्मीकि जयंती मनाई जाती है, इसी क्रम में बुरहानपुर के शाही किला स्थित गोरखनाथ मंदिर में विराजित भगवान महर्षि वाल्मीकि जयंती समाजजनों द्वारा धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर वाल्मीकि समाज के कालू जंगाले ने सराहनीय पहल करते हुए समाजजनों को शराब छोड़ने सहित वाल्मीकि जी के जीवन से प्रेरणा लेने हेतु संकल्प लिया। वहीं वाल्मीकि समाज के प्रवक्ता एवं वाल्मीकि संगठन के संस्थापक उमेश जंगाले ने बताया कि महर्षि वाल्मीकि जी को संस्कृत साहित्य का जनक और पहले कवि (आदिकवि) माना जाता है, उन्होंने रामायण जैसी अमर रचना की, जो धर्म, नीति और आदर्श जीवन का आधार मानी जाती है। उनके जीवन और उपदेशों से समाज को सत्य, न्याय और करुणा का मार्गदर्शन मिलता है, इस अवसर पर समाजजनों ने सशक्त पत्रकार समिति प्रदेश अध्यक्ष के सौजन्य से महर्षि वाल्मीकि जी प्रतिमा मंदिर में स्थापित करने के लिए उनका धन्यवाद ज्ञापित किया। वहीं कालू जंगाले ने बताया कि कार्यक्रम में वाल्मीकि समाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया, लोगों में वाल्मीकि जयंती को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह सौभाग्य की बात है कि वाल्मीकि जी की पूजा अर्चना शहर के बीचों बीच मंदिर में करने का अवसर समाजजनों को मिल रहा हैं। इस अवसर पर समाज के राजा जंगाले, राजेश उज्जैनवाल, आनंद संगेले, राजा कन्नाडे, अनिल जंगाले, विक्की जंगाले, पापा करोसिया, संतोष जंगाले, सुरेश जंगाले, विनोद बोयत, शंकर डागौरे, सुनील बोयत, मनोज करोसिया, शांतिलाल कछवाये, संदीप जंगाले, अमित करोसिया सहित बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद रहे।