दिल्ली की युवा साहित्यकार और कवियत्री मानसी अग्रवाल का बुरहानपुर में हुआ भव्य सम्मान

बुरहानपुर। साहित्य और संवेदना की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने वाली दिल्ली की युवा साहित्यकार और कवियत्री मानसी अग्रवाल का बुरहानपुर में रोटी बैंक द्वारा आयोजित स्वर्गीय विजय शिंदे फाउंडेशन द्वारा आयोजित साहित्यकार,कवि एवं पुरातत्वविद सम्मान समारोह में किया गया। यह सम्मान उन्हें मां पर लिखी गई उनकी मार्मिक और हृदयस्पर्शी कविता के लिए प्रदान किया गया।

कार्यक्रम में साहित्यकारों, कवियों और साहित्य-प्रेमियों की बड़ी संख्या मौजूद रही। मानसी अग्रवाल की कविता ने यह संदेश दिया कि मां केवल एक शब्द नहीं बल्कि समस्त सृजन, त्याग, ममता और प्रेरणा का प्रतीक है। उनकी रचना ने पीढ़ियों तक मां के प्रति आभार और संवेदनशीलता का भाव जगाने का कार्य किया।

सम्मान समारोह में उपस्थित साहित्यकारों ने कहा कि मानसी जैसी युवा प्रतिभाओं का आगे आना साहित्य जगत के लिए एक शुभ संकेत है। उनका कहना था कि मानसी की लेखनी में गहराई, सहजता और जीवन के वास्तविक अनुभवों की झलक मिलती है।

मानसी अग्रवाल को मिला यह सम्मान पूरे साहित्यिक जगत के लिए गर्व का विषय बन गया है। उनके इस गौरवपूर्ण क्षण पर दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों के कवियों और लेखकों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित कीं।

युवा पीढ़ी में साहित्य और कविता के प्रति जागरूकता लाने वाली मानसी अग्रवाल ने अपने सम्मान के अवसर पर कहा—
"यह सम्मान केवल मेरा नहीं, बल्कि उन सभी माताओं को समर्पित है, जिन्होंने अपनी संतान के लिए हर सुख का त्याग कर दिया। अगर मेरी कविता किसी के हृदय में मां के लिए और अधिक श्रद्धा जगा पाई है, तो यही मेरे लिए सबसे बड़ा पुरस्कार है।"

मानसी अग्रवाल की इस उपलब्धि से साहित्य जगत में उत्साह और उमंग की नई लहर दौड़ गई है।