क्या है प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) ? इससे क्या फायदा है ?


प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY)

यह भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसे 8 अप्रैल, 2015 को शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य देश में छोटे और सूक्ष्म उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि वे अपने व्यवसाय को शुरू कर सकें या उसे बढ़ा सकें। 
यह योजना माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (MUDRA) के तहत संचालित होती है, जो एक वित्तीय संस्था है। 
मुद्रा योजना का लक्ष्य उन लोगों को सशक्त बनाना है जो गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि क्षेत्र में छोटे स्तर पर काम करते हैं, जैसे कि दुकानदार, कारीगर, फल-सब्जी विक्रेता, छोटे निर्माता, ट्रक चालक आदि।यह योजना भारत की अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म उद्यमों की भूमिका को मजबूत करने और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। यह "मेक इन इंडिया" और "आत्मनिर्भर भारत" जैसे अभियानों का भी हिस्सा है।

PMMY की संरचना और ऋण की श्रेणियाँ

PMMY के तहत तीन प्रकार के ऋण उपलब्ध हैं, जो उद्यमी की जरूरत और व्यवसाय के स्तर के आधार पर दिए जाते हैं:
1. शिशु: ऋण राशि: अधिकतम 50,000 रुपये तक।
उद्देश्य: नए या बहुत छोटे व्यवसाय शुरू करने के लिए।
उदाहरण: एक व्यक्ति जो सड़क किनारे चाय की दुकान शुरू करना चाहता है।
2. किशोर: ऋण राशि: 50,000 रुपये से 5 लाख रुपये तक।
उद्देश्य: मौजूदा व्यवसाय को बढ़ाने या मध्यम स्तर की जरूरतों के लिए।उदाहरण: एक दर्जी जो अपनी दुकान में नई मशीनें जोड़ना चाहता है।
3. तरुण: ऋण राशि: 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक।
उद्देश्य: बड़े पैमाने पर व्यवसाय विस्तार के लिए।
उदाहरण: एक छोटा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू करने वाला उद्यमी।

योजना की मुख्य विशेषताएँ 

इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि ऋण लेने के लिए किसी संपत्ति को गिरवी रखने की जरूरत नहीं है। इससे छोटे उद्यमियों को ऋण लेना आसान हो जाता है।

मुद्रा कार्ड: ऋण स्वीकृत होने पर लाभार्थी को एक डेबिट कार्ड जैसा "मुद्रा कार्ड" दिया जाता है, जिसका उपयोग वे अपने व्यवसाय की कार्यशील पूंजी (working capital) के लिए कर सकते हैं।

ब्याज दरें: ब्याज दरें बैंक और वित्तीय संस्थानों के नियमों पर निर्भर करती हैं, लेकिन ये आमतौर पर बाजार की तुलना में कम होती हैं।

लचीलापन: यह योजना विभिन्न क्षेत्रों जैसे व्यापार, सेवा, और छोटे उद्योगों को कवर करती है।

पात्रता (Eligibility)

PMMY के तहत ऋण लेने के लिए कुछ सामान्य शर्तें हैं:

• आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।
• यह गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि क्षेत्र के छोटे व्यवसायों के लिए है।
• इसमें व्यक्ति, स्वयं सहायता समूह (SHG), साझेदारी फर्म, या छोटे उद्यम शामिल हो सकते हैं।
• व्यवसाय का उद्देश्य आय उत्पन्न करना होना चाहिए।
• कुछ बैंकों में न्यूनतम आयु (18 वर्ष) और व्यवसाय योजना की माँग हो सकती है।

आवेदन प्रक्रिया 

चुनाव: सबसे पहले यह तय करें कि आपको किस श्रेणी (शिशु, किशोर, तरुण) का ऋण चाहिए।
दस्तावेज: आधार कार्ड, पैन कार्ड, पता प्रमाण, व्यवसाय का विवरण, और बैंक खाता जैसे दस्तावेज जमा करें।
संस्था का चयन: नजदीकी बैंक, माइक्रोफाइनेंस संस्थान (MFI), या NBFC में जाएँ जो PMMY के तहत ऋण देता हो।
फॉर्म भरें: संबंधित श्रेणी का आवेदन फॉर्म भरें और दस्तावेज जमा करें।
सत्यापन: बैंक आपके आवेदन और व्यवसाय योजना की जाँच करेगा।
ऋण स्वीकृति: सत्यापन के बाद ऋण स्वीकृत हो जाता है और राशि आपके खाते में जमा हो जाती है।

PMMY के फायदे

आर्थिक सशक्तिकरण: यह योजना छोटे उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनाती है और उनकी आय बढ़ाने में मदद करती है।
रोजगार सृजन: नए व्यवसाय शुरू होने से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ते हैं।
महिला सशक्तिकरण: महिलाओं को विशेष प्राथमिकता दी जाती है, जिससे उनकी आर्थिक भागीदारी बढ़ती है।
ग्रामीण विकास: ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलने से वहाँ की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है।
वित्तीय समावेशन: बैंकिंग सुविधाओं से वंचित लोगों को वित्तीय सहायता मिलती है।
उद्यमिता को प्रोत्साहन: बिना जमानत के ऋण से लोग जोखिम लेने और नया व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित होते हैं।

उदाहरण

शिशु: रामू एक सब्जी विक्रेता है। उसे अपनी ठेली के लिए 40,000 रुपये चाहिए। वह शिशु श्रेणी में आवेदन करता है और आसानी से ऋण पाकर अपने व्यवसाय को बढ़ाता है।
किशोर: शीला एक सिलाई की दुकान चलाती है। उसे 3 लाख रुपये की मशीन चाहिए। वह किशोर श्रेणी में ऋण लेती है और अपनी आय दोगुनी कर लेती है।
तरुण: अजय एक छोटी बेकरी शुरू करना चाहता है। उसे 8 लाख रुपये चाहिए। वह तरुण श्रेणी में ऋण लेकर अपना सपना पूरा करता है।

योजना का प्रभाव 

मार्च 2025 तक, PMMY ने लाखों लोगों को ऋण प्रदान किया है और देश में सूक्ष्म उद्यमिता को बढ़ावा दिया है।
यह योजना खासकर युवाओं, महिलाओं, और ग्रामीण उद्यमियों के लिए वरदान साबित हुई है।
सरकार का दावा है कि इससे करोड़ों रोजगार पैदा हुए हैं और अर्थव्यवस्था में छोटे व्यवसायों की हिस्सेदारी बढ़ी है।