निमाड़ के रॉबिनहुड - भीमा नायक : जिसके नाम से कांपते थे अंग्रेज़

निमाड़ के रॉबिनहुड के नाम से मशहूर भीमा नायक 1857 की क्रांति के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ अपनी छाप छोड़ी थी. भीमा नायक एक योद्धा थे. कहा जाता है कि आजादी की जंग में भीमा नायक ने अकेले अपने बूते अंग्रेजी शासन की चूलें हिला दी थीं. अंग्रेज भीमा नायक के नाम से कांपते थे. उन्होंने आदिवासियों को एकुजट किया था. भीमा नायक के जीवन को लेकर अब भी कई तथ्य अबूझ ही हैं. जैसे कि भीमा नायक के वास्तविक फोटो को लेकर भी अब तक कोई साक्ष्य नहीं है. मौजूद फोटो या स्कैच काल्पनिक हैं.

शोधों के अनुसार भीमा नायक का कार्य क्षेत्र बड़वानी रियासत से वर्तमान महाराष्ट्र के खानदेश तक रहा है. 1857 में हुए अंबापानी युद्ध में भीमा की महत्वपूर्ण भूमिका थी. अंग्रेज जब भीमा को ऐसे नहीं पकड़ पाए तो उन्हें उनके ही किसी करीबी की मुखबिरी पर धोखे से पकड़ा गया था. उनके योगदान और मौत को लेकर कई तरह के शोध हुए हैं.

उसी शोध में एक तथ्य यह भी सामने आया है कि 1857 क्रांति में तात्या टोपे जब निमाड़ आए थे तो उनकी मुलाकात भीमा नायक से हुई थी. एक अन्य शोध के अनुसार कुछ साल पहले भीमा नायक का मृत्यु प्रमाण-पत्र पहली बार सामने आया था. इसमें ये जिक्र था कि उनकी मौत 29 दिसंबर 1876 को पोर्ट ब्लेयर में हुई थी.