13 दिसंबर 2001 को जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादियों ने भारतीय लोकतंत्र के पवित्र मंदिर भारतीय संसद पर हमला किया था। यह पाकिस्तान की भारतीय लोकतंत्र के मंदिर को नेस्तनाबूद करने की एक आतंकवादी साजिश थी, लेकिन हमारे सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए इन आतंकियों को मार गिराया ।
संसद भवन के परिसर में अचानक एक सफेद एंबेसेडर से आए जैश-ए- मोहम्मद के पांच आतंकवादियों ने 45 मिनट तक संसद परिसर में गोलीबारी कर दहला दिया था। संसद पर अचानक हुए इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।
संसद परिसर के अंदर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने अचानक हुए इस हमले का जान पर खेलकर सामना किया। लोकतंत्र के इस मंदिर पर कोई आंच न आए, इसलिए उन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर सुरक्षाकर्मियों ने सभी पांच आतंकियों को मार गिराया। आतंकियों का सामना करते हुए दिल्ली पुलिस के पांच जवान, सीआरपीएफ की एक महिला कांस्टेबल और संसद के दो गार्ड शहीद हुए। 16 जवान इस दौरान मुठभेड़ में घायल हो गए थे।
संसद पर हमले की घिनौनी साजिश रचने वाले मुख्य आरोपी और हमले का मास्टरमाइंड अफजल गुरु को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया। संसद पर हमले की साजिश रचने के आरोप में अफज़ल गुरु को नई दिल्ली को तिहाड़ जेल में 09 फ़रवरी 2013 सुबह 8 बजे फाँसी पर लटकाया गया।