आजाद हिंद फौज
* आज़ाद हिन्द फ़ौज या 'इंडियन नेशनल आर्मी' का गठन 1942 ई. में किया गया था
* 28-30 मार्च, 1942 ई. को टोक्यो (जापान) में रह रहे भारतीय रासबिहारी बोस ने 'इण्डियन नेशनल आर्मी' (आज़ाद हिन्द फ़ौज) के गठन पर विचार के लिए एक सम्मेलन बुलाया
* कैप्टन मोहन सिंह, रासबिहारी बोस एवं निरंजन सिंह गिल के सहयोग से 'इण्डियन नेशनल आर्मी' का गठन किया गया
* आज़ाद हिन्द फ़ौज' की स्थापना का विचार सर्वप्रथम मोहन सिंह के मन में आया था
* आज़ाद हिन्द फ़ौज की प्रथम डिवीजन का गठन 1 दिसम्बर, 1942 ई. को मोहन सिंह के अधीन हुआ इसमें लगभग 16,300 सैनिक थे
* कालान्तर में जापान ने 60,000 युद्ध बंदियों को आज़ाद हिन्द फ़ौज में शामिल होने के लिए छोड़ दिया था
* आज़ाद हिन्द फ़ौज का दूसरा चरण तब प्रारम्भ हुआ, जब सुभाषचन्द्र बोस सिंगापुर गये
* जुलाई, 1943 ई. में सुभाषचन्द्र बोस पनडुब्बी द्वारा जर्मनी से जापानी नियंत्रण वाले सिंगापुर पहुँचे वहाँ उन्होंने दिल्ली चलो का प्रसिद्ध नारा दिया
* 4 जुलाई, 1943 ई. को सुभाषचन्द्र बोस ने 'आज़ाद हिन्द फ़ौज' एवं 'इंडियन लीग' की कमान को संभाल लिया था
* आज़ाद हिन्द फ़ौज के सिपाही सुभाषचन्द्र बोस को नेताजी कहते थे बोस ने अपने अनुयायियों को 'जय हिन्द' का नारा दिया
* सुभाष चंद्र बोस ने 21 अक्टूबर, 1943 ई. को सिंगापुर में अस्थायी भारत सरकार 'आज़ाद हिन्द सरकार' की स्थापना की
* बोस इस सरकार के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा सेनाध्यक्ष तीनों थे
* वित्त विभाग एस.सी चटर्जी को, प्रचार विभाग एस.ए. अय्यर को तथा महिला संगठन लक्ष्मी स्वामीनाथन को सौंपा गया
* उस समय 11 देशों की सरकारों ने आजाद हिंद सरकार को मान्यता दी थी जिसमें जर्मनी, जापान, फिलीपीन्स, कोरिया, चीन, इटली, मान्चुको और आयरलैंड भी शामिल है
* उस सरकार ने कई देशों में अपने दूतावास भी खोले थे
* जापान ने अंडमान व निकोबार द्वीप इस अस्थायी सरकार को दे दिये सुभाष उन द्वीपों में गये और उनका नया नामकरण किया अंडमान का नया नाम शहीद द्वीप तथा निकोबार का स्वराज्य द्वीप रखा गया
* 30 दिसम्बर 1943 को इन द्वीपों पर स्वतन्त्र भारत का ध्वज भी फहरा दिया गया
* 4 फ़रवरी 1944 को आजाद हिन्द फौज ने अंग्रेजों पर दोबारा भयंकर आक्रमण किया और कोहिमा, पलेल आदि कुछ भारतीय प्रदेशों को अंग्रेजों से मुक्त करा लिया
* दूसरे विश्वयुद्ध में जर्मनी की हार से जापान भी घुटने टेक दिया और बोस को टोक्यो पलायन करना पड़ा जिससे हवाई दुर्घटना में उनका निधन हो गया
* 21 अक्टूबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से तिरंगा फहरा कर आजाद हिंद सरकार का सम्मान किया