अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस International Tiger Day
बाघ संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 'विश्व बाघ दिवस' यानी 'अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस' मनाया जाता है।
इस दिवस का उद्देश्य बाघों के प्राकृतिक आवासों की सुरक्षा और बाघ संरक्षण के मुद्दों पर लोगों को जागरुक करना है।
जैसा की हम सब जानते है की बाघ हमारे देश का राष्ट्रीय पशु है जो की शक्ति, शान, सतर्कता, बुद्धि और धीरज का प्रतीक माना जाता है यह भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र को छोड़कर पूरे भारत में बाघ पाया जाता है, पूरे विश्व में सबसे ज्यादा बाघ भारत में ही पाए जाते हैं। और सबसे गंभीर समस्या यह है कि बाघ को विलुप्त होती प्रजाति के लिए में रखा गया है क्योंकि करीब करीब 95% बाघ की प्रजाति विलुप्त हो चुकी है।
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने जानकारी दी कि भारत विश्व के 70% बाघों का घर है, और भारत के 18 राज्यों में 51 टाइगर रिजर्व हैं!
भारत का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व नागार्जुन सागर श्रीशैलम है जबकि देश का सबसे छोटा टाइगर रिजर्व महाराष्ट्र के पेंच में है.
पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा बाघ भारत में पाए जाते हैं. देश के कुल 18 राज्यों में बाघ पाए जाते हैं. 2019 में आई रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2967 बाघ हैं.
देश में सबसे ज्यादा 526 बाघ मध्यप्रदेश में हैं।
बाघ दिवस की शुरुआत कब हुई और क्यों हुई ?
बाघों की तेजी से घटती जनसंख्या को नियंत्रण करने के लिए रूस के शहर सेंट पीटर्सबर्ग में वर्ष 2010 में आयोजित शिखर सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने की घोषणा की गयी थी, और इस सम्मेलन में मौजूद कई देशों ने 2022 तक बाघों के जनसंख्या को दुगना करने का लक्ष्य रखा था।
जबकि भारत में बाघों को बचाने का प्रोजेक्ट काफी पहले 1973 में ही शुरू कर दिया गया था। जिसके तहत कई टाइगर रिजर्व बनाए गए। एक रिपोर्ट के अनुसार साल 1973-74 के दौरान भारत में टाइगर रिजर्व की संख्या 9 थी लेकिन अब इसकी संख्या बढ़कर 51 हो गई है।
बाघ दिवस का महत्व क्या है
बाघों की सुरक्षित रखने के लिए इस दिन विश्व बाघ दिवस के दिन कई देश साथ में मिलकर बाघ के संरक्षण से सम्बंधित मुद्दों पर चर्चा और वन्यजीवन संरक्षण के लिए फण्ड इकठ्ठा करना। विश्व वन्यजीव कोष World Wildlife Fund के मुताबिक अवैध शिकार की वजह से बाघों की लगभग 95% जनसंख्या खत्म हो चली है, इसी कारण रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस सम्मेलन में बाघों की संख्या दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है।
विश्व बाघ दिवस 2021 की थीम क्या है ?
International Tiger Day -2021 की Theme ”Their Survival is in our hands"हैं
बाघ की कितनी प्रजाति वर्तमान में मौजूद हैं ?
साइबेरियन टाइगर – यह बाघ बर्फीले परिस्थितियों में ही रहते हैं।
बंगाल टाइगर – यह बाघ एशिया में पाए जाते हैं, जैसे की बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल में Bengal Tiger पाए जाते हैं।
इंडोचाइनीज टाइगर – यह बहुत से एशियाई देशों में पाया जाता है जैसे की बर्मा, कंबोडिया, लाओस, चीन, वियतनाम और थाईलैंड में पाए जाते हैं।
मलेशियाई बाघ – ये बाघ केवल मलय प्रायद्वीप के दक्षिण में पाए जा सकते हैं।
साउथ चाइना टाइगर्स – ये सबसे लुप्तप्राय बाघ उप-प्रजातियों में से एक हैं। वे सुमात्राण बाघों की तुलना में अधिक संकटग्रस्त हैं।
सुमात्रा टाइगर्स – ये बाघ बिल्ली परिवार के सबसे बड़े सदस्य हैं और ग्रह पर सबसे करिश्माई लुप्तप्राय प्रजातियों में से एक हैं।
बाघ की कौन-कौन सी प्रजाति विलुप्त हो गयी हैं ?
बाली टाइगर
कैस्पियन टाइगर
जावन टाइगर
टाइगर हाइब्रिड