विशेष 20 महत्वपूर्ण बातें जो सावन माह में शिव की आराधना से जुड़ी हैं जिनका हर भक्त को करना चाहिए पालन

◆ भगवान शिव की पूजा में साधक को ललाट पर लाल चंदन का त्रिपुण्ड और बाहों पर भस्म अवश्य लगाना चाहिए.

◆ सावन के महीने में भगवान ​शिव की साधना में साधक को चाहिए कि वह शुद्ध, रुद्राक्ष माला से ही शिव का मंत्र जपे.

◆ भगवान शिव की पूजा में सफेद फूल, धतूरे का फूल और तीन पत्तियों वाला बेलपत्र को उलट कर दूध से मिले हुए जल की धारा के साथ अर्पित करना चाहिए.

◆ भगवान शिव की साधना करने के लिए बहुत सारे मंत्र हैं, लेकिन उनमें सबसे सरल पंचाक्षरी मंत्र ओम नम: शिवाय” मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए.

◆ भगवान शिव की पूजा में संभव हो तो सिले हुए वस्त्र पहन कर पूजा न करें और हमेशा शुद्ध आसन पर बैठकर ही पूजा करें.

◆ भगवान शिव की पूजा करते समय आपका मुख हमेशा पूर्व या उत्तर की तरफ होना चाहिए.

◆ भगवान शिव की पूजा में तिल का प्रयोग नहीं करना चहिए.

◆ भगवान शिव को चढ़ाए जाने वाले बिल्व पत्र में चक्र और वज्र नहीं होने चाहिए. अक्सर बेल के पत्तों में कीड़ों से बनाया एक सफेद सा चिन्ह बन जाता है. ऐसे बेलपत्र को कभी भूलकर भी भगवान शिव को न चढ़ाएं. इसी तरह बेलपत्र की डंठल की ओर जो मोटा सा भाग होता है, वह वज्र कहलाता है, ऐसे में हमेशा उसे पीछे की तरफ का हिस्सा यानि वज्र को ​तोड़कर निकाल दें.

◆ भगवान शिव की पूजा के लिए हमेशा आक का फूल और धतूरे को चढ़ाने के लिए प्रयोग करें. यदि संभव हो तो नील कमल विशेष रूप से चढ़ाएं, अन्यथा सामान्य कमल का फूल भी चढ़ा सकते हैं. इसी तरह कुमुदिनी या फिर कहें कमलिनी का फूल भी आप शिव की पूजा में चढ़ा सकते हैं.

◆ भगवान शिव की पूजा में उनकी प्रिय वस्तु यानि भांग का भोग अवश्य लगाना चाहिए.

◆ शिवलिंग को स्पर्श किया हुआ भोग ग्रहण नहीं करना चाहिए, बाकी अन्य भोग और प्रसाद को आप ग्रहण कर सकते हैं.

◆ भगवान शिव की पूजा के दौरान कभी भी उनकी पूरी परिक्रमा नहीं की जाती है. जिधर से चढ़ा हुआ जल निकलता है, कभी भी उस नाली को नहीं डांका जाता है. वहां से प्रदक्षिणा उलटी की जाती है.

◆ भगवान शिव की पूजा में कुटज, नागकेसर, बंधूक, मालती, चंपा, चमेली, कुंद, जूही, केतकी, केवड़ा आदि फूल नहीं चढ़ाए जाते हैं.

◆ हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि भगवान शिव की पूजा के समय करताल नहीं बजाया जाता है.

◆ सावन मास में शिव चालीसा, आरती व महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।

◆ सावन के महीने में सभी सोमवार को व्रत रखें।

◆ चीनी से शिवलिंग का अभिषेक करने से सुख और वैभव की प्राप्ति होगी और दरिद्रता चली जायेगी।

◆ शिवलिंग पर इत्र चढ़ाने से विचार और मन पवित्र होंगे और केसर चढ़ाने से आप सौम्य होंगे।

◆ शिवलिंग का दही से अभिषेक करने से आने वाली परेशानियां दूर चली जाएंगी।

◆ घी से अभिषेक करने से शक्ति बढ़ेगी और शिवलिंग पर चंदन चढ़ाने से आपका यश बढ़ेगा।


(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं)